गङ्गा नदी का नाम कुछ ऐसा है कि नाम सुनते ही मन में भक्ति भाव का प्रवाह होता है। शीतल जल तथा भारतीय संस्कृति में दिव्य स्थान पाने वाली इस नदी की महिमा अपार है।
इस लेख में हम जानेंगे कि गङ्गा नाम का अर्थ क्या है।
पतित पावनी गङ्गा को विविध नामों से जाना जाता है, जिन में गङ्गा, भागीरथी, जाह्नवी, देवनदी, त्रिपथगा, विष्णुपदी आदि नाम प्रमुख हैं। इस पुण्यतमा सरिता की महिमा का वर्णन रामायण, महाभारत, पुराणादि तथा विभिन्न शास्त्रों में किया गया है।
‘गङ्गा’ शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है – गमनशील। ‘गङ्गा’ पद की निष्पत्ति संस्कृत व्याकरण शास्त्र के अनुसार गम् धातु से उणादि सूत्र ‘गन्गम्यद्धोः’ (उणादिसुत्रसंख्या 120 ) – के द्वारा गन् प्रत्यय, तदनन्तर स्त्रीत्व की विवक्षा करके टाप् प्रत्यय का विधान करके की गयी है। जिसका व्युत्पत्तिलभ्य अर्थ होता है ‘गच्छतीति गङ्गा’ अर्थात् जो गमनशील हो, वह गङ्गा है। अमरकोश कार के अनुसार गङ्गा के आठ नाम हैं –
गङ्गा विष्णुपदी जह्नुतनया सुरनिम्नगा।
भागीरथी त्रिपथगा त्रिस्त्रोता भीष्मसूरपि।।
(अमरकोश प्रथमकाण्ड वारिवर्ग 31)
(गीता प्रैॅस द्वारा प्रकाशित कल्याण पत्रिका के विशेषाङ्क जो कि गङ्गा पर आधारित है में से एक लेख जिसके लेखक आचार्य श्री वेद प्रकाश जी मिश्र, वरिष्ठ शोधछात्र हैं से लिया गया)